The 2-Minute Rule for संक्रामक रोग से बचने के उपाय

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• घर में मास्क पहनें और हाथों को सावधानी से धोते हुए उन्हें कीटाणुरहित करें।

इसके अलावा, लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकेगा। सरकार केवल संक्रमित लोगों से ज़िम्मेदाराना तरीके से पेश आने का अनुरोध कर सकेगी।

हर्पीस से पीड़ित मरीज को समय-समय पर बुखार आने लगता है।

इन उपाय के बावजूद अगर समस्या बढ़ती जा रही है तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

जापान सरकार ने कोरोनावायरस रोगियों के इलाज के लिए अब तक खाने वाली दो दवाओं को स्वीकृति दी है, जो हल्के लक्षण वाले लोगों को भी दी जा सकती हैं... ये दवाएँ हैं - प्रमुख अमरीकी दवा निर्माता मर्क द्वारा विकसित लैगेव्रिओ और अमरीका की ही फ़ाइज़र कंपनी की पैक्सलोविड। दोनों दवाओं का उपयोग गंभीर लक्षणों और जोखिम वाले रोगियों के लिए किया जाता है।

लेकिन जिन लोगों में गंभीर लक्षण विकसित होने का जोख़िम कम है, जैसे कि युवा, उन्हें सरकार द्वारा अधिकृत रोगाणु जाँच किट का उपयोग कर यह पुष्टि करने की सलाह दी जाती है कि वे कोरोनावायरस से घर पर संक्रमित हुए या कहीं और। जाँच परिणाम नकारात्मक होने की स्थिति में उन्हें दूरभाष या ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से अपने पारिवारिक डॉक्टर से परामर्श लेने तथा आवश्यकतानुसार फ़्लू-रोधी दवा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ।

जन स्वास्थ्य केंद्र अब पहले की तरह लोगों की स्थिति पर नज़र नहीं रख सकेंगे जिसको देखते हुए घर पर स्थिति बिगड़ने की स्थिति में रोगियों को तुरंत किसी चिकित्सा संस्थान से जोड़ने के लिए अधिकारी प्रयास तेज़ करेंगे।

जुलाई में तोक्यो महानगर आयुर्विज्ञान संस्थान ने चौथी ख़ुराक प्राप्त कर चुके स्वास्थ्य कर्मियों से एकत्र किये रक्त के नमूनों में वायरस-नाशक एंटीबॉडी के स्तर के आँकड़े प्रकाशित किये।

कोरोनावायरस उपायों के प्रभारी मंत्री यामागिवा दाइशिरो ने कहा कि जापान में पतझड़ और शीतऋतु के दौरान संक्रमण की आठवीं लहर आ सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस दौरान कोरोनावायरस संक्रमण और ज़ुकाम का प्रकोप एक साथ फैल सकता है। उन्होंने ऐसी स्थिति में उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "इससे निपटने के तरीकों पर व्यापक चर्चा करते हुए ठोस योजना बनाना होगी।" साथ ही आश्वासन दिया कि वह समय के साथ विशेषज्ञों से सलाह लेते हुए इसके सामाजिक प्रभावों पर विचार करेंगे।

जापान में संक्रामक रोगों को उनकी संक्रामकता के स्तर और रोगी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने के जोखिम के आधार पर क़ानून द्वारा एक से पाँच तक की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। क़ानून तय करता है कि केन्द्र और स्थानीय सरकारें क्या उपाय कर सकती हैं।

संक्रामक रोगों से बचने के उपाय तो उपरोक्त कारणों व विवरण में ज्ञात हो ही गये होंगे, फिर भी अन्य सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए, जैसे कि वाहन में पीछे बैठते समय ख़्याल रहे कि आगे वाला बोलते समय थूक न गिराये क्योंकि वह आपको लग सकती है, अन्य स्थानों पर भी पास-पास न बैठें, लिफ़्ट लेने (विशेष रूप से अपरिचित से) बचें, मनुष्यों से अनावष्सक मेल-मिलाप न करें.

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दूसरा निवारक उपाय है विद्यालय या काम पर जाने से बचना और साथ ही बुख़ार तथा कुछ अन्य लक्षण होने पर अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचने के प्रयास करना। ऐसी स्थिति में पर्याप्त विश्राम भी बहुत आवश्यक है।

हाथों में लाल छोटे-छोटे पानी वाले more info दाने बनने लगते हैं, जिस पर बार-बार खुजली होती है, ये हर्पीस के लक्षण हैं।

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